SAC Meeting
कृषि विज्ञान केंद्र, हनुमानगढ़-II (नोहर)
दसवीं वैज्ञानिक सलाहकार समिति बैठक की कार्यवाही
दिनांक: 28 जून, 2023 स्थान: प्रशिक्षण हॉल, कृषि विज्ञान केंद्र, हनुमानगढ़-।।
बैठक मे निम्नलिखित माननीय सदस्यों ने भाग लिया:-
- प्रो. सतीश के. गर्ग (ऑनलाइन), कुलपति, राजस्थान पशुचिकित्सा और पशु विज्ञान विश्वविद्यालय, बीकानेर।
- डॉ. (प्रो.) राजेश कुमार धूड़िया, निदेशक प्रसार शिक्षा, राजस्थान पशुचिकित्सा और पशु विज्ञान विश्वविद्यालय, बीकानेर ।
- डॉ. पी. पी. रोहिल्ला, प्रधान वैज्ञानिक, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद-अटारी, जोधपुर।
- डॉ. कुलदीप नेहरा, प्रभारी, पशुधन अनुसंधान केंद्र, नोहर, हनुमानगढ़।
- डॉ. अनूप कुमार, वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष, कृषि विज्ञान केंद्र, संगरिया, हनुमानगढ़।
- श्री दयानन्द काकोडीया, डी. डी. एम., नाबार्ड, हनुमानगढ़।
- डॉ. दिनेश जांगिड़, प्रभारी, पशुचिकित्सा स्वास्थ्य कार्यालय, नोहर, हनुमानगढ़।
- श्री शिवराज सिंह, बाल विकास परियोजना अधिकारी, नोहर, हनुमानगढ़।
- श्री राजकुमार, एल. डी. एम., लिड बैंक, एसबीआई, हनुमानगढ़।
- श्री द्वारका प्रसाद, कृषि अधिकारी, कृषि विभाग, नोहर, हनुमानगढ़।
- डॉ. अनिल कुमार, कृषि अनुसन्धान अधिकारी, हनुमानगढ़।
- डॉ. विपिन भादू, सहायक कृषि अधिकारी, उप निदेशक उद्यान, हनुमानगढ़।
- श्री विनोद बैनीवाल, प्रोजेक्ट कोआर्डिनेटर, शक्तिवर्धक मिल्क प्रोडूसर कारपोरेशन लिमिटेड।
- श्री सूरजमल पूनिया, निदेशक, एफपीओ, शक्तिवर्धक, हिसार।
- श्री अश्विनी झोरड़, के. वी. के., हनुमानगढ़।
- श्री विजय कुमार, सीपीआरजी, कृषि महाविद्यालय, भादरा, हनुमानगढ़।
- श्री अरविन्द बेनीवाल, सीपीआरजी, कृषि महाविद्यालय, भादरा, हनुमानगढ़।
- डॉ. वसंत शर्मा, सीपीआरजी, कृषि महाविद्यालय, भादरा, हनुमानगढ़।
- श्री राकेश कुमार, सहायक कृषि अधिकारी, कृषि विभाग, नोहर, हनुमानगढ़।
- श्री विक्रम जाखड, एस. एफ. ए., इफको, हनुमानगढ़।
- श्री सुभाष मूंड, एस. एफ. ए., इफको, हनुमानगढ़।
- श्री लाल सिंह बेनीवाल, प्रगतिशील किसान, परलीका, नोहर, हनुमानगढ़।
- श्री रामनिवास बिजारनिया, प्रगतिशील किसान, फेफाना, नोहर, हनुमानगढ़।
- श्री अजय स्वामी, प्रगतिशील किसान, परलीका, नोहर, हनुमानगढ़।
- श्री विनोद सैनी, प्रगतिशील किसान, भुकरका, नोहर, हनुमानगढ़।
- श्री सुभाष चंद्र, प्रगतिशील किसान, 14 बिरानी, नोहर, हनुमानगढ़।
- श्री शीशपाल, प्रगतिशील किसान, राजपूरिया, नोहर, हनुमानगढ़।
- श्री घनश्याम ज्याणी, प्रगतिशील किसान, रतनपुरा, नोहर, हनुमानगढ़।
- श्री हरी सिंह पूनिया, प्रगतिशील किसान, भगवान, नोहर, हनुमानगढ़।
- श्रीमती कस्तूरी, आर. सी. आर. पी., राजीविका, छानी बड़ी, भादरा, हनुमानगढ़।
- सुश्री ममता, प्रगतिशील महिला किसान, छानी बड़ी, भादरा, हनुमानगढ़।
- श्रीमती मोनिका, एम. सी. एल. पी. केडर, शेरपुरा, भादरा, हनुमानगढ़।
- श्रीमती पिंकी, कृषि सखी, छानी बड़ी, भादरा, हनुमानगढ़।
- श्री महावीर सिंह, टीचिंग एसोसिएट, पशुधन अनुसंधान केंद्र, नोहर, हनुमानगढ़।
- डॉ. रामचंद्र तिवाडी, टीचिंग एसोसिएट, पशुधन अनुसंधानकेंद्र, नोहर, हनुमानगढ़।
- डॉ. महेंद्र पाल पुनिया, टीचिंग एसोसिएट, पशुधन अनुसंधानकेंद्र, नोहर, हनुमानगढ़।
- डॉ. धर्मवीर सिंह, टीचिंग एसोसिएट, पशुधन अनुसंधानकेंद्र, नोहर, हनुमानगढ़।
- श्री बलबीर गोदारा, ए.ए.ओ., पशुधन अनुसंधान केंद्र, नोहर, हनुमानगढ़।
- श्री महेंद्र प्रताप, पशुधन अनुसंधान केंद्र, नोहर, हनुमानगढ़।
- डॉ. सुरेश चंद कांटवा, वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष, कृषि विज्ञान केंद्र, नोहर, हनुमानगढ़।
- डॉ. विक्रमजीत सिंह, विषय वस्तु विशेषज्ञ, केवीके, नोहर, हनुमानगढ़।
- डॉ. अशोक चौधरी, विषय वस्तु विशेषज्ञ, केवीके, नोहर, हनुमानगढ़।
- डॉ. सुनील कुमार यादव, विषय वस्तु विशेषज्ञ, केवीके, नोहर, हनुमानगढ़।
- डॉ. गुलाब चौधरी, विषय वस्तु विशेषज्ञ, केवीके, नोहर, हनुमानगढ़।
- डॉ. कंचन शिला, विषय वस्तु विशेषज्ञ, केवीके, नोहर, हनुमानगढ़।
- श्री अक्षय घिंटाला, टीचिंग एसोसिएट, केवीके, नोहर, हनुमानगढ़।
कृषि विज्ञान केंद्र, हनुमानगढ़-II (नोहर) की दसवीं वैज्ञानिक सलाहकार समिति की बैठक दिनांक: 28 जून, 2023 वार: बुधवार को राजस्थान पशुचिकित्सा और पशु विज्ञान विश्वविद्यालय, बीकानेर के कुलपति प्रो. सतीश के. गर्ग की ऑनलाइन अध्यक्षता में केंद्र के प्रशिक्षण हॉल में आयोजित की गई। जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में डॉ. पी. पी. रोहिल्ला, प्रधान वैज्ञानिक, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद-अटारी, जोधपुर, विशिष्ट अतिथि प्रो. राजेश कुमार धूड़िया, निदेशक प्रसार शिक्षा, राजस्थान पशुचिकित्सा और पशु विज्ञान विश्वविद्यालय, बीकानेर तथा विशिष्ट अतिथि श्री दयानन्द काकोडीया, डी.डी.एम., नाबार्ड, हनुमानगढ़ उपस्थित रहे।
कार्यक्रम के आरंभ में डॉ. सुरेश चंद कांटवा, वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष, केवीके, नोहर ने बैठक के अध्यक्ष महोदय राजस्थान पशुचिकित्सा और पशु विज्ञान विश्वविद्यालय बीकानेर के कुलपति प्रो. सतीश के. गर्ग व डॉ. पी. पी. रोहिल्ला, प्रधान वैज्ञानिक, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद-अटारी, जोधपुर, प्रो. राजेश कुमार धूड़िया, निदेशक प्रसार शिक्षा, राजस्थान पशुचिकित्सा और पशु विज्ञान विश्वविद्यालय, बीकानेर, श्री दया काकोडिया, डीडीएम, नाबार्ड, हनुमानगढ़ तथा अन्य अतिथियों का स्वागत किया।
अध्यक्षीय उद्बोधन (ऑनलाइन) में प्रो. सतीश के. गर्ग, कुलपति, राजस्थान पशुचिकित्सा और पशु विज्ञान विश्वविद्यालय, बीकानेर ने कहा कि कृषि विज्ञान केंद्र को किसानो के लिए बहुआयामी बनाया जाये ताकि किसानो को ज्यादा से ज्यादा तकनिकी ज्ञान हासिल हो। माननीय कुलपति महोदय ने बताया कि कृषक एवं पशुपालकों का कौशल बढ़ाकर उनकी आमदनी को बढ़ाया जा सकता है तथा ऐसी तकनीकों का विकास करे जिसको किसान आसानी से अपना सके। माननीय कुलपति महोदय ने किसानो के यहाँ समन्वित खेती प्रणाली अपनाने के लिए जोर दिया इससे वर्षभर कृषक आमदनी प्राप्त कर सके।
डॉ. सुरेश चंद कांटवा, वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष, कृषि विज्ञान केंद्र, हनुमानगढ़-II (नोहर) ने कार्यक्रम के शुरुआत में वार्षिक प्रगति प्रतिवेदन का अनुमोदन, एक्शन टेकन रिपोर्ट व वर्ष 2022-23 की प्रगति प्रतिवेदन और आगामी कार्य योजना वर्ष 2023-24 को सदन में प्रस्तुत किया। डॉ. अशोक चौधरी, विषय वस्तु विशेषज्ञ (शस्य विज्ञान), डॉ. विक्रमजीत सिंह, विषय वस्तु विशेषज्ञ (पशु विज्ञान), डॉ. गुलाब चौधरी, विषय वस्तु विशेषज्ञ (उद्यान विज्ञान), डॉ. सुनील कुमार यादव, विषय वस्तु विशेषज्ञ (कीट विज्ञान), डॉ. कंचन शिला, विषय वस्तु विशेषज्ञ (गृह विज्ञान), श्री अक्षय घिंटाला, टीचिंग एसोसिएट (प्रसार शिक्षा) ने अपने-अपने विषय से सम्बंधित वर्ष 2022-23 की प्रगति प्रतिवेदन और आगामी कार्य योजना वर्ष 2023-24 सदन में प्रस्तुत की।
प्रो. राजेश कुमार धूड़िया, निदेशक, प्रसार शिक्षा निदेशालय ने बकरी पालको की जरूरतों को देखते हुए बकरी पालन के प्रशिक्षणों की संख्या को बढाने, फल व सब्जियों में ऋतु विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करवाने का सुझाव दिया। गृह विज्ञान विषय के प्रक्षेत्र परिक्षण एक से बढाकर दो करने को कहा। सभी प्रसार साहित्य को केवीके वेब पेज पर अपलोड किया जाना चाहिए और आगे की प्रक्रिया के लिए डीईई को भी भेजा जाना चाहिए (कार्यान्वयन: डॉ. सुनील कुमार यादव, एसएमएस, कीट विज्ञान)। पशुधन अनुसंधान केंद्र से एकत्र किए जा रहे गोबर से खाद (एफ़ वाई एम) एवं केचुएं की खाद बनायीं जाए (कार्यान्वयन: डॉ. सुनील कुमार यादव, एसएमएस, कीट विज्ञान)। काचरी के बीजों को परीक्षण के लिए प्रयोगशाला में भेजा जाए और बीज बिक्री के लिए उचित लेबल के साथ पैकेजिंग सामग्री तैयार की जाए (कार्यान्वयन: डॉ. गुलाब चौधरी, एसएमएस बागवानी)। केवीके में खरीफ सीजन का किचन गार्डन स्थापित किया जाए (कार्यान्वयन: डॉ. गुलाब चौधरी, एसएमएस बागवानी)। केवीके फार्म पर खरीफ सीजन की बुआई समय पर सुनिश्चित की जाए (कार्यान्वयन: डॉ. अशोक चौधरी, एसएमएस, सस्य विज्ञान और डॉ. सुनील कुमार यादव, एसएमएस, कीट विज्ञान)। केवीके परिसर में मिलेट्स वाटिका स्थापित की जाए (कार्यान्वयन: डॉ. कंचन शिला, एसएमएस, गृह विज्ञान)। केवीके में खरीफ सीजन का क्रॉप कैफेटेरिया स्थापित किया जाए (कार्यान्वयन: डॉ. अशोक चौधरी, एसएमएस, सस्य विज्ञान और डॉ. सुनील कुमार यादव, एसएमएस, कीट विज्ञान)। केवीके में नवनिर्मित बकरी इकाई के लिए एक बकरी इकाई (10+1) शुरू की जाए (कार्यान्वयन: डॉ. विक्रमजीत सिंह, एसएमएस, पशु विज्ञान)। सभी प्रदर्शन इकाइयों एवं प्रौद्योगिकी की अच्छी गुणवत्ता वाली वीडियो क्लिप तैयार की जाये (कार्यान्वयन: समस्त एसएमएस)। केवीके को आसपास के क्षेत्र में लोकप्रिय बनाने के लिए इसका प्रचार-प्रसार सुनिश्चित करें (कार्यान्वयन: श्री अक्षय घिंटाला, टीचिंग एसोसिएट, कृषि प्रसार शिक्षा) ।
डॉ. पी. पी. रोहिल्ला, प्रधान वैज्ञानिक, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद-अटारी, जोधपुर, ने बैठक की समीक्षा करते हुए कहा कि प्रक्षेत्र परिक्षण का चुनाव किसानो की समस्या के आधार पर होना चाहिए। प्रशिक्षण कार्यक्रम का विषय व्यापक ना होकर विशिष्ट व निश्चित होना चाहिए। केवीके के रेवोल्विंग फंड को बढ़ाकर केवीके के विकास में उपयोग करने का सुझाव दिया। प्रशिक्षण कार्यक्रम ऋतु अनुसार होने चाहिए साथ ही उनकी माह अनुसार वार्षिक अनुसूची तैयार करे। प्रशिक्षण कार्यक्रम में महिला भागीदारी को बढ़ावा दे। किसान सारथी पोर्टल पर किसानो के पंजीकरण की संख्या को बढाने का सुझाव दिया। पशु विज्ञान की बैकयार्ड पोल्ट्री प्रदर्शन में आरआईआर नस्ल रखने का सुझाव दिया।
श्री दयानन्द काकोडीया, डी. डी.एम, नाबार्ड, हनुमानगढ़ ने कहा कि केवीके में समन्वित कृषि प्रणाली मॉडल की स्थापना करवाने के सम्बन्ध में शीघ्र प्रस्ताव बनाकर नाबार्ड, हनुमानगढ़ को भेजा जाये। जिले में अधिक पेस्टीसाइड और उर्वरको के उपयोग को कम करने के लिए जेविक खेती को बढ़ावा देने का सुझाव दिया।
डॉ. अनूप कुमार, वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष, कृषि विज्ञान केंद्र, संगरिया, हनुमानगढ़ ने बीज उत्पादन कार्यक्रम में सरसों की आरएच-725 और चने की देरी से बुवाई करने वाली किस्म जीएनजी-2144 को भी शामिल करने का सुझाव दिया। गृह वाटिका में ब्रोकोली को शामिल करने का सुझाव दिया।
श्री राजकुमार, एल. डी. एम., लीड बैंक, एसबीआई, हनुमानगढ़ ने एनएलएम परियोजना का प्रचार प्रसार करने का सुझाव दिया।
श्री विनोद बैनीवाल, प्रोजेक्ट कोआर्डिनेटर, शक्तिवर्धक मिल्क प्रोडूसर कारपोरेशन लिमिटेड ने सभी प्रशिक्षण कार्यकर्मो का कैलेंडर ऑफ़ इवेंट्स करने तथा केवीके, नोहर द्वारा किसान हित में प्रकाशित सभी साहित्य को केवीके की वेबसाइट पर उपलब्ध कराने का सुझाव दिया।
डॉ. दिनेश जांगिड़, प्रभारी ब्लाक पशुचिकित्सा स्वास्थ्य कार्यालय, नोहर, हनुमानगढ़ ने बकरीपालन के प्रशिक्षण कार्यक्रम बढाने का सुझाव दिया।
श्री द्वारका प्रसाद, कृषि अधिकारी, कृषि विभाग, नोहर, हनुमानगढ़ ने क्षेत्र की मृदा की उर्वरकता क्षमता बढाने व पोषक तत्वों की कमी को दूर करने के लिये हरी खाद ढेंचा पर प्रदर्शन लगाने का सुझाव दिया।
प्रगतिशील महिला किसानों में श्रीमति कस्तूरी देवी ने कहा कि केवीके के सहयोग और साथ से महिलाओ को आत्मनिर्भर बनने के लिए सहायता मिलती हैं। केवीके द्वारा समय-समय पर आयोजित किये जाने वाले प्रशिक्षण कार्यक्रम महिलाओं को अग्रिम पंक्ति में लाने का प्रयास करते है। इन्होने स्वयं सहायता समूह के साथ प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करवाने का सुझाव दिया।
प्रगतिशील किसानों में श्री रामनिवास बिजारनिया ने बताया कि वे निरन्तर केन्द्र की तकनीक का उपयोग कर रहे है